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दूसरी औरत

प्रकाश भारती

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Belletristik/Erzählende Literatur

Beschreibung

विक्रम खन्ना शैलजा जौहरी को साथ लिए सकुशल सलीमपुर पहुंच गया। जहां तीन अलग-अलग बैंकों की शाखाओं फर्जी नामों से लिए लाकर्स में साथ लाख की रकम थी। लाकर्स की चाबियाँ अहतियातन विक्रम ने अपने कब्जे में ले ली थीं। लेकिन किस बैंक में किस फर्जी नाम से लाकर था। यह सिर्फ शैलजा ही जानती थी। यानि बाजी उसी के हाथ में थी....।
रामनगर में जले हुए मलवे में मिली निशा की जली लाश को पुलिस शैलजा जौहरी की लाश मान चुकी थी।
यानि कानूनन शैलजा जौहरी मर चुकी थी।
असल में शैलजा खुद को दूसरी औरत में तबदील कर रही थी।
बाल ब्लैक से ब्राउन कर लिए। लंबे से छोटे करेक हेअर स्टाइल भी बदल लिया। स्किन लोशन, क्रीम वगैरा लगाकर और धूप सेककर त्वचा की रंगत को डार्क करने में लगी थी। उठाने-बैठने, चलने-फिरने और बोलचाल का अंदाज और लहजा भी बदल डाला। लिबास और बोलचाल से अब वह गोआनी क्रिशिचयन थी। नाम भी चेंज कर लिया - रीटा ब्रिगेजा।
बिल्कुल दूसरी औरत। कोई साबित नहीं कर सकता था कि वह शैलेजा जौहरी थी। अब उसे बैंक लाकर्स से रकम निकालकर कही दूर जाकर गायब हो जाना था....इस दूसरी औरत का मंसूका पूरा होगा या विक्रम खन्ना अपने मकसद में कामयाब होगा....

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hindi books, mystery books, suspense thriller, crime thriller, hindi novels, crime fiction, hindi bestsellers