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एक खून और

प्रकाश भारती

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Belletristik/Erzählende Literatur

Beschreibung

महीने भर से लापता जवान और तलाकशुदा विजया ठाकुर की तलाश में निकले प्राइवेट डिटेक्टिव प्रशांत गौतम को पता चला...जिन तीन आदमियों ने विजया और उसके साथी राजीव मोहन की मोटल में पिटाई की थी उनमें एक पेशेवर बदमाश कनकटा था...और विजया हेरोइन एडिक्ट थी...डिटेल्स चैक करने पर राजीव मोहन फर्जी निकला...कनकटा इन दिनों अंडरवर्ल्ड के बिग बॉस रामाराव के लिए काम कर रहा था...।


प्रशांत ने यॉट क्लब जाकर विजया की माँ दौलतमंद और घमंडी कविता ठाकुर को रिपोर्ट दे दी...।


करोड़पति विधवा लोलिता राय ने जानकारी दी–नशे में धुत्त विजया को एक घटिया बार से एक दफा पुलिस पकड़कर ले गई थी...प्रशांत उस बार में पहुंचा तो विजया के दोस्त सुदेश वर्मा का पता चला–वह ड्रग एडिक्ट होने के साथ साथ पेशेवर चोर और जुआरी भी था...।


उसी रात अपने ही फ्लैट में प्रशांत की मुठभेड़ कनकटा हुयी...दोनों एक दुसरे की गोली से जख्मी हो गये...कनकटा भागने में कामयाब हो गया...।


अगले रोज प्रशांत रामाराव से मिलने पहुंचा तो पता चला कनकटा की हत्या कर दी गई थी–उसी के घर में...। उसी रोज प्रशांत को गुमनाम फोन के जरिये फंसाने की कोशिश की गई...लेकिन कोशिश करने वाला मारा गया...वह रामाराव का प्यादा रहमत बेग निकला...। प्रशांत ने बिल्ला नामक उस पुशर का पता लगाया जो विजया और सुदेश की ड्रग सप्लाई करता था...।


उसी रात यॉट क्लब में प्रशांत विजया की छोटी बहन सुरेखा से मिला...माँ की तरह घमंडी सुरेखा का चेहरा, सुदेश की फोटो देखते ही, सफ़ेद पड़ गया...लेकिन उसे पहचानती होने से साफ़ इंकार कर दिया और प्रशांत पर भड़क गई...। वही प्रशांत ने विजया के भूतपूर्व पति वीरेंद्र सोनी को, जिसके बारे में लोलिता राय ने बताया कि वह पुरुष वेश्या है, देखा तो पहली नजर में वह सुदेश वर्मा का जुड़वाँ भाई सा लगा... तभी सुरेखा की शिकायत पर कविता ठाकुर ने फोन पर प्रशांत को तगड़ी फटकार लगाते हुये क्लब से चला जाने तक को कह दिया... प्रशांत ने भी केस छोड़ने की धमकी दे दी तो ढ़ीली पड़ गई और ताजा रिपोर्ट मांगी...प्रशांत ने बता दिया बिल्ला से मिलने जाएगा उसे विजया के बारे में पता हो सकता है...प्रशांत बिल्ला से मिला...उसे डरा धमकाकर जानने में सफल हो गया विजया और सुदेश एयरपोर्ट के पास रॉक्सी मोटल में ठहरे है...।कविता ठाकुर के अहंकारी व्यवहार से कुपित प्रशांत ने जानबूझकर रात में बेवक़्त ढ़ाई बजे उसे डिस्टर्ब करने के इरादे से बता दिया–उसकी बेटी रॉक्सी मोटल में मिल सकती है...।


रॉक्सी मोटल में विजया तो प्रशांत को  नहीं मिली...लेकिन सुदेश वर्मा अपनी कार में पड़ा मिला–खून से लथपथ...भेजा बाहर बिखरा था...गला एक कान से दूसरे तक चीरा हुआ...।


उसी सुबह...अपने दोस्त इंस्पैक्टर रनबीर सिंह के बुलाने पर प्रशांत रामाराव के ऑफिस वाली इमारत के सम्मुख पहुंचा...रामाराव का सिपहसालार पीटर वर्गीस मरा पड़ा था–उसका गला भी एक कान से दुसरे तक चीरा हुआ था...।


प्रशांत समझ गया हत्यारा कौन था...और क्यों एक खून और करने की कोशिश करेगा ???

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