Jeevan se jeevantata ki or

Arti Nigam

EPUB
ca. 1,99
Amazon iTunes Thalia.de Hugendubel Bücher.de ebook.de kobo Osiander Google Books Barnes&Noble bol.com Legimi yourbook.shop Kulturkaufhaus
* Affiliatelinks/Werbelinks
Hinweis: Affiliatelinks/Werbelinks
Links auf reinlesen.de sind sogenannte Affiliate-Links. Wenn du auf so einen Affiliate-Link klickst und über diesen Link einkaufst, bekommt reinlesen.de von dem betreffenden Online-Shop oder Anbieter eine Provision. Für dich verändert sich der Preis nicht.

BlueRose Publishers img Link Publisher

Ratgeber / Lebenshilfe, Alltag

Beschreibung

मेरे द्वारा लिखे हुए शब्द मुझे प्रेरणा देते हैं। मन में चाहें जितनी नकारात्मकता हो, मेरे शब्द उसमे भी सकारात्मकता ढूंढ ही लेते है। यह उस ईश्वरीय शक्ति का ही जादू है कि भावनाओं को शब्दों का जामा पहनाने के बाद में स्वयं को बहुत ही सुकून में जीता महसूस करती हूँ। अनेक नकारात्मक विचार व लम्हे जीवन में आते है , मन विचलित भी होता है , आम भाषा में कहूँ तो बहुत परेशान भी होती हूँ। लेकिन फिर धीरे -धीरे नया सकारात्मक विचार उन सभी पर हावी होने लगता है और जीवन पुनः नए उत्साह से अगले पल को जीने की ख्वाहिश करने लगता है। कलम फिर से नए शब्दों का ताना - बाना बुनने लगती है। विचारों का पिटारा फिर से बाहर निकलने को बेताब होने लगता है और उसका परिणाम सामने है।

Weitere Titel in dieser Kategorie
Cover SELF-Parenting:
John K Pollard
Cover DARPAN GHAR
RAJENDRA SINGH SENGAR
Cover Safalta Se Aage
Ranbir Bhardwaj
Cover Lohar
Kumud Kishore
Cover AUR--- KHILE PARIJAT
SWATANTRA NARAIN SHARMA
Cover श्रीमद्भगवद्गीता
अरविंद कुमार
Cover बेचने की कला
पुष्पेश सिंह

Kundenbewertungen

Schlagwörter

self help