Ram Janmabhoomi
Rashmi Samant
Geisteswissenschaften, Kunst, Musik / Geschichte
Beschreibung
"जो सभ्यता अपने संघर्षों को भूल जाती है, वह अपनी गलतियों की पुनरावृत्ति और आत्म-विनाश के दुश्चक्र में फंसने को अभिशप्त होती है। स्वतंत्रता की लड़ाई, आधिपत्य तथा अत्याचारों के खिलाफ प्रतिरोध अक्सर सामूहिक स्मृतियों से गायब हो जाते हैं और उत्पीड़न की बोझ तले, मनगढ़ंत कथाओं द्वारा हिंदू पहचान को मिटाने के व्यवस्थित प्रयासों के माध्यम से उन स्मृतियों की चमक धुंधली कर दी जाती हैं। भारत की पवित्र भौगोलिक संरचना, हिंदू धर्म के उद्गम स्थल और हिंदू लोगों की पैतृक भूमि, लगातार हुए आक्रमणों के साक्षी हैं, जिसने सामूहिक मानस पर अमिट घाव छोड़े हैं।
राम जन्मभूमि आंदोलन हिंदू सभ्यता की जड़ों पर हुए प्रहार और इसे पुनः प्राप्त करने के दुर्धर्ष संघर्ष का एक जीवंत एवं मार्मिक दस्तावेज है। शस्त्र आधारित आख्यानों के प्रभुत्व वाले युग में, जहां अत्याचार करने वालों को पीड़ित का और पीड़ितों को उत्पीड़क का ताज पहनाया जाता है, यह पुस्तक आंदोलन के उदात्त संघर्ष में अनगिनत हिंदुओं के अश्रु, स्वेद और रक्त से लिखी बेबाक सच्चाइयों का स्मरण कराती है। यह पुस्तक इस बात की अनुस्मारिका भी है कि इस युग में जन्मा प्रत्येक हिंदू, उन विपदाओं, कष्टों और उन लोगों द्वारा किए गए बलिदानों को कभी न भूले जो उनसे पहले हुए हैं। यदि हम जाने-अनजाने भूल जाते हैं, तो अपनी महान सभ्यता के विनाश के भागीदार होंगे।"