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बाँसुरी के मनीषी

पं. रघुनाथ प्रसन्ना की संगीत यात्रा एवं विविध आयाम

Dr. Vinay Gandharv

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Belletristik/Erzählende Literatur

Beschreibung

हमारे देश में न जाने ऐसे कितने संगीतज्ञ कलाकारों ने जन्म लिया है जिन्होंने भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भारतीय संगीत का प्रचार किया तथा भारतीय संगीत को शिखर तक पहुँचाया। देखा जाए तो बहुत से ऐसे बुजुर्ग कलाकार हुए जिन्होंने स्वयं तो संगीत की सेवा की और संगीत जगत में अनमोल रत्न बन गए, साथ-ही-साथ उन्होंने संगीत जगत को बहुत से ऐसे कलाकार प्रदान किए जिन्होंने भारतीय संगीत को गुरु-शिष्य परम्परा से दुनिया भर में विख्यात कर दिया। संगीत विद्यार्थी होने के नाते लेखक अपना परम कर्तव्य समझता है कि ऐसे महान कलाकारों के महान योगदान, बलिदान को संरक्षित करके रखा जाए। ऐसे ही महान् कलाकारों में पण्डित रघुनाथ प्रसन्ना का नाम सर्वोच्च स्थान पर आता है। पण्डित रघुनाथ प्रसन्ना ने भारतीय सुषिर वाद्य बाँसुरी एवं शहनाई में महारत हासिल की और इन वाद्य को अपनी गरिमा प्रदान की।

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Schlagwörter

Bansuri, Musical